आदिवासी नृत्य महोत्सव ले रहा है अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप

23 राज्य व युगांडा, बेलारूस, श्रीलंका सहित छह देशों के अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकार देंगे प्रस्तुति

चौदह सौ लोक कलाकार बिखेरेंगे जनजातीय लोक संस्कृति की छटा

आयोजन स्थल पर दिखेगी छत्तीसगढ़ की संस्कृति, पर्यटन और औद्योगिक परिदृश्यों की झांकी


रायपुर। राजधानी रायपुर में आगामी 27 दिसम्बर से आयोजित होने वाले आदिवासी नृत्य महोत्सव अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप ले रहा है। इसमें देश के 23 राज्यों के साथ ही युगांडा, बेलारूस, श्रीलंका और बांग्लादेश सहित छह देशों के अंतर्राष्ट्रीय लोक कलाकार जनजातीय लोक संस्कृति की छटा बिखेरेंगे। छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ समारोह भव्य और आकर्षक होगा। शुभारंभ अवसर पर देश-विदेश से आने वाले कलाकार अपने पारम्परिक परिधानों में मार्च पास्ट करेंगे। महोत्सव में जनजातीय लोक रंग में रंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन साईंस कॉलेज मैदान में 27 से 29 दिसम्बर तक सवेरे 10 बजे से शाम 8.30 बजे तक प्रतिदिन होगा। इस महोत्सव में देश के 23 राज्यों के 151 दलों के लगभग 1400 कलाकार हिस्सा लेंगे। इसके अलावा महोत्सव में श्रीलंका, बेलारूस, युगांड़ा, बांग्लादेश सहित छह देशों के मेहमान  कलाकार भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में बैठक लेकर 27 दिसम्बर से शुरू हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश के अन्य राज्यों के साथ ही देश के बाहर से भी कलाकार आएंगे, उनके लिए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था, भोजन, आवास, साफ-सफाई, पीने का साफ पानी, स्वास्थ्य सुविधा, अग्निशमन और आवागमन के समुचित साधन मुहैया कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने साईंस कॉलेज स्थित आयोजन स्थल का कम्प्यूटर आधारित प्रेजेंटेशन देखा और जरूरी निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में आने वाले दर्शकों को कोई असुविधा नही होनी चाहिए। पार्किंग स्थल से उन्हे कम से कम दूरी चलना पड़े इसका विशेष ध्यान रखें। आयोजन में आवश्यक व्यवस्था के लिए एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड के कैडेटों का भी सहयोग लेने कहा।
संस्कृति विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि महोत्सव में कलाकारों द्वारा विवाह, फसल कटाई, पारंपरिक त्यौहार और अन्य अवसरों पर किए जाने वाले आदिवासी नृत्यों का प्रदर्शन किया जाएगा। महोत्सव में विजेता प्रतिभागियों को समापन अवसर पर पुरस्कार दिया जाएगा, जिसमें प्रथम पुरस्कार 5 लाख रूपए, द्वितीय पुरस्कार 3 लाख रूपए, तृतीय पुरस्कार 2 लाख रूपए और सांत्वना पुरस्कार के रूप में 25 हजार रूपए दिए जाएंगे। प्रत्येक दल में लगभग 50 कलाकार होंगे। श्री परदेशी ने बताया कि महोत्सव में कलाकारों के ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है और अब तक एक हजार 310 कलाकारों का पंजीयन हो चुका है। पंजीयन को ऑनलाइन देखा भी जा सकता है। आयोजन स्थल में लगभग 4000 लोगों की बैठक व्यवस्था की जा रही है। आयोजन स्थल पर शिल्प ग्राम, फूड जोन, पुस्तक प्रदर्शनी, वनोपज उत्पाद, औद्योगिक प्रोत्साहन, छत्तीसगढ़ का इतिहास, पर्यटन, संस्कृति, छत्तीसगढ़ी व्यंजन, गांधी यात्रा, जल, जंगल, जमीन आदि की प्रदर्शनी लगायी जाएगी। साथ ही मनोरंजन के लिए मीना बाजार लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री पी.अन्बलगन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।