कार्यशाला में नागालैंड, पाण्डीचेरी, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ हिस्सा लेंगे
रायपुर ए.। सांस्कृतिक मूल्यों और विरासतों से परिचित कराने के लिए 30 दिसम्बर को यहां जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में 'हमारी सांस्कृतिक विविधता' विषय पर ग्यारह दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। कार्यशाला में नागालैंड, पाण्डीचेरी, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ से लगभग 100 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। कार्यशाला में भारत की विविधता में एकता और सामाजिक सदभावना में स्कूलों और विद्यार्थियों की भूमिका सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। कार्यशाला का शुभारंभ डाइट रायपुर के प्राचार्य श्री एम. के. प्रधान की अध्यक्षता में किया गया। सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र नई दिल्ली और डाइट रायपुर के सहयोग से आयोजित कार्यशाला 9 जनवरी तक होगी।
कार्यशाला में कक्षा पहलीं से 12वीं कक्षाओं तक के विषय शिक्षक को आमंत्रित किया गया है। शासकीय शालाओं में अध्यापन कर रहे 52 वर्ष से कम आयु के शिक्षकों को बुलाया गया है। ग्यारह दिवसीय प्रशिक्षण में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे। छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत, स्कूलीय छात्रों के बीच पर्यावरण जागरूकता पैदा करना, मीडिया और भारत की सरकार की स्वास्थ्य परंपराओं की भूमिका विषय पर व्याख्यान दिया जाएगा। संस्कृति को बढ़ावा देने वाली एजेंसियां, स्वच्छ भारत अभियान-अपशिष्ट प्रबंधन में अच्छी प्रथाएं, रचनात्मक कठपुतली, रंगमंच के माध्यम से रचनात्मक अभिव्यक्ति, पारंपरिक शिल्प मुखौटा, गोंड पेटिंग और जूट क्राफ्ट से संबंधित समूह गतिविधियां कराई जाएंगी। सभी प्रतिभागी 4 जनवरी को स्मारक संग्रहालय, प्राणी उद्यान आदि स्थान का शैक्षणिक भ्रमण करेंगे। प्रशिक्षण के बाद शिक्षक अपने राज्य में सांस्कृतिक विविधता की जानकारी और सर्वेक्षण के बारे में बच्चों को जागरूक करेंगे।