मुफ्त का सामान बांटने में भी रमन सरकार नंबर वन

आदिवासियों को रेडियो, कंबल, चप्पल और कुकर के बाद भी मोबाइल फ्री

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश को लोग पिछड़े इलाकों के रूप में जानते है शायद यह मानसिकता कभी खत्म ही नहीं होगी ऐसा लगता है। बाहर से आने वाले नेता भी यहां जब-जब आये है फ्री वाली स्कीम ही लांच किये है। प्रधानमंत्री भी यहां से मुफ्त इलाज की योजना लांच करके गये है। दूसरे राज्यों को तो छोड़िये अपने प्रदेश के नेता भी पहले प्रदेश की गरीबों वाली तस्वीर दिखाते है और फिर वहां मुफ्त का सामान बांट कर नंबर वन का पुरूस्कार अपने नाम करा लेते है। ऐसा नहीं की सरकार की सभी योजना ​दिखावा है कुछ से गरीब तपके के लोगों को लाभ भी हो रहा है।


कुछ योजना वाकई जन कल्याणकारी है किन्तु अब दिखावे के तौर पर कुछ लोगों को ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी सभा में सामान बांट कर योजनाओं में प्रशासनिक रोड़ा अटकाकर निकल ले रहे है। महोदय देना ही है फ्री का सामान तो सभी को मिलना चाहिए, ऐसा क्यो कि आप जहां जहां जाये वही के लोग ही मलाई खाये।
​विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जशपुर जिले के कांसाबेल में आयोजित विकास प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्रहियों को प्रेशर कुकर भेंट कर बधाई और शुभकामनाएं दी। इस दौरान अब मुख्यमंत्री ने ग्राम कुसुमताल की हितग्राही श्रीमती कुसमी बाई से कहा- अगली बार जब मैं इधर आऊंगा तो क्या आप मुझे इस प्रेशर कुकर में दाल बनाकर खिलाओगी? इस पर श्रीमती कुसमी बाई ने मुस्कुराते हुए हामी भरी। आस-पास खड़े अन्य हितग्राही भी मुस्कुरा उठे। उन्हें भी प्रेशर कुकर पाने की खुशी तो थी ही। रमन सरकार की सबसे बड़ी दरियादिली कहे कि कुछ और उनके मन में सदैव छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों को फ्री में सामान बांटने की योजना सूझती है। बजाए इसके की उन्हे रोजगार मुहैया कराये ताकी वे अपना जीवनयापन अच्छे ढंग से चला सके। 

60-70 की उम्र वाले बुजुर्गों का मिला प्रेसर कुकर

मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह अपने विकास यात्रा के दौरान जशपुर के कांसाबेल में ऐसों लोगों को प्रेशर कुकर देखकर फोटो खिचाये है जो लोग शायद ही घर में प्रेशर कुकर का उपयोग कर पाये। कुछ लोग तो 60 वर्ष से उपर के भी रहे होंगे जो घर का चुल्हा चौका छोड़ चुके है। शायद उनके समर्थकों को लगा होगा कि मुख्यमंत्री वृद्धजनों से काफी खूश होते है यही सोचकर प्रेशर कुकर के लिये भी 60-70 वर्ष के बुजुर्गों को ही चुना गया।