ममतामयी मिनीमाता की पुण्यतिथि

ममतामयी मिनीमाता की पुण्यतिथि मुख्यमंत्री ने किया नमन...


जन्म- 13 मार्च 1913,  निधन-11 अगस्त 1972
रायपुर ए.। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन् कर श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मिनीमाता को दलितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिये किये गए कार्यों के लिये सदैव याद रखा जाएगा। स्नेह और ममता की प्रतिमूर्ति मिनीमाता मानव उत्थान एवं समाज कल्याण के लिये समर्पण के साथ आजीवन सक्रिय रहीं। दलितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिये अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को संसद में पारित कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने मजदूरों को एकजुट करने के लिये छत्तीसगढ़ मजदूर संघ का गठन किया। मिनीमाता गरीब, दीन-दुखियों के साथ ही आम जनता की मदद के लिये हमेशा तत्पर रहती थी।
ममतामयी मिनीमाता का जन्म आसाम प्रांत के दौलगांव में 13 मार्च 1913 को हुआ था, मिनिमाता को बचपन में मीनाक्षी नाम से पुकारा जाता था। छत्तीसगढ में 1900 सदीं आए भीषण अकाल के दौरान उनके परिवार के लोगों को असम के चाय बगान में मजदूरी के लिए जाना पड़ा था। उनका बचपन काफी गरीबी में गुजरा। उनका विवाह छत्तीसगढ़ के सतनामी पंथ के महान संत गुरुघासी दास से पुत्र गुरु अगम दास के साथ 1932 में हुआ था।
मिनीमाता के पति गुरु अगमदास आजादी के आंदोलन में सक्रिय थे। पर 1951 में उनका अचानक देहांत हो गया। मिनीमाता ने पति के विरासत को संभाली। पहली लोकसभा में वे बिलासपुर दुर्ग रायपुर लोकसभा से जीतकर पहुंची। दूसरी लोकसभा में बोदला बाजार से निर्वाचित होकर संसद में पहुंची। बाल विवाह, दहेज प्रथा दूर करने के लिए आवाज उठाई तो गरीबी और अशिक्षा दूर करने के लिए काम करती रहीं। अनाथ और पीड़ितों की सेवा करना उनके जीवान का प्रमुख लक्ष्य रहा। 1971 में उन्होंने अपने जीवन का आखिरी चुनाव जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। 11 अगस्त 1972 को भोपाल से दिल्ली जाते हुए विमान हादसे में उनका निधन हो गया।