बाल श्रमिकों के पुनर्वास के लिए विशेष अभियान चलाएगा राज्य शासन

अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून



रायपुर। राज्य शासन द्वारा बाल श्रम ,अपशिष्ट संग्रह और भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के पुनर्वास के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा इस बात की जानकारी देते हुये महिला एवं बाल विकास के संचालक द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर 12 जून से इस अभियान की शुरुआत करने हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सम्बंधित विभागों की बैठक ली जाएगी और बाल श्रम, कचरा बीनने और भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के रेस्क्यू और सर्वे की शुरुआत भी की जाएगी।
इस अभियान के तहत बच्चों के सर्वे के लिए संकुल और वार्ड स्तर पर प्रभारी एवं नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण दिए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बच्चों सर्वेक्षण और रेस्क्यू के बाद देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों की सूची महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यालय को प्रेषित की जाएगी। इसके बाद जिला बाल अधिकार संरक्षण इकाई को सूचित किया जाएगा और बच्चों बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा .इसके बाद बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम(बालकों की देख रेख और संरक्षण) 2015  द्वारा देखरेख की आवश्यकता वाले बच्चों की पहचान कर उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी जिसमें उनके लिए आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा हेतु शाला प्रवेश और निरंतर शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी।

जिला बाल अधिकार संरक्षण इकाई द्वारा कलेक्टर के अनुमोदन के बाद इन बच्चों की जानकारी 30 जून तक राज्य बाल अधिकार संरक्षण समिति को भेजी जाएगी। इसके बाद चिन्हांकित बच्चो और परिवार के सदस्यों को कौशल विकास योजना से जोड़कर विभिन्न विभागों की योजनाओं का लाभ दिलाकर स्वरोजगार प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा ऐसे क्षेत्र जहाँ बाल श्रम,कचरा बीनने और भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की संक्या अधिक है वहां उनके परिवार के सदस्यों को स्थायी रोजगार दिलाने के लिए कौशल विकास और आजीविका केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।