शिक्षाकर्मियों को नियमित शिक्षकों की तरह मिलेगी समस्त सुविधाएं
- संविलियन में आठ वर्ष की बाद्धयता
- एक हजार 346 करोड़ रूपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा
रायपुर ए। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के पंचायत एवं नगरीय निकाय संवर्गों के एक लाख 50 हजार से ज्यादा शिक्षकों (शिक्षाकर्मियों) की संविलियन पर मुहर लगी।
पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री अजय चंद्राकर जी ने एजेंसी को बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक में शिक्षक (पंचायत/नगरीय निकाय) के पद को स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन संविलियन करने का निर्णय लिया गया। प्रथम चरण में लगभग एक लाख 03 हजार शिक्षक (पंचायत/नगरीय निकाय) का संविलियन एक जुलाई 2018 से किया जाएगा।
शेष शिक्षकों (पंचायत/नगरीय निकाय) के जैसे-जैसे आठ वर्ष की सेवा पूर्ण होगी शनैः शनैः संविलियन की कार्रवाई की जाएगी, जिससे लगभग 48 हजार शिक्षक भविष्य में लाभान्वित होंगे। वर्ष 2019 में 10 हजार और आगे के वर्षों में 38 हजार शिक्षक इससे लाभान्वित होंगे। संविलियन के फलस्वरूप शिक्षक (पंचायत/नगरीय निकाय) को नियमित शिक्षकों की तरह देय समस्त सुविधाओं (वेतनमान, भत्ते, पदोन्नति आदि) पर राज्य शासन पर लगभग एक हजार 346 करोड़ रूपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आएगा।