मोदी के बाद अब रमन की सभा में वयोवृद्ध का आना कहीं पूर्व नियोजित तो नहीं!

रायपुर ए। छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया डॉ. रमन सिंह ने अपने विकास यात्रा के पहले चरण का शुभारंभ दंतेवाड़ा से किया। डॉ. रमन सिंह के विकास यात्रा का पहला पड़ाव ग्राम बड़े किलेपाल था जहा पहुंचते ही स्वागत सभा में लगभग 80 वर्षीय महिला श्रीमती कमला नाग ने तिलक लगाकर उनको आशीर्वाद दिया। डॉ. रमनसिंह को आर्शीवाद देती हुई इस महिला को आखिर इतना तवज्जो क्यो दी जा रही है, सोशल मीडिया में भी उस महिला की तस्वीर पोस्ट की गई है और कहा जा रहा है कि जैसे राम को शबरी ने बेर खिलाये थे वैसे ही रमन के लिये कमला नाग बेर लेकर पहुंची। 

राम और शबरी की संज्ञा ​आखिर क्यों? ज​बकि यह प्रथम दृष्टया ही पूर्व नियोजित भान पड़ रहा है क्या ऐसा हो सकता है कि एनएसजी कमांडों और स्थनीय पुलिस की तगड़ी सुरक्षा घेरे को तोड़कर कोई 80 वर्षिय महिला राज्य के मुख्यमंत्री के पास बेर और चार लेकर पहुंच सकती है। जिस तरह से महिला नये कपड़े पहने दिख रही है चित्र में ऐसा बिलकुल भी नहीं लग रहा है वह महिला स्वयं आयी हो। वहा की उनकी तैयारी को देख कोई भी कह सकता है कि पूर्व से उस महिला को रमन की सभा के लिये तैयार कराया गया था।

सोशल ​मीडिया में उस वृद्ध महिला के बारे ​बताया गया है कि उसका नाम श्रीमती कमला नाग है जो विधवा और निःसंतान हैं। उनकी पांच एकड़ की खेती है, जिसे वे अधिया में दे देती हैं। इससे उनको जो कुछ भी आमदनी होती है, उसी से उनका गुजारा चलता है। और आगे उनका विचार लगाय गया कि उन्होने कहा कि मैं राम जैसे रमन के लिए जंगल से बेर और चार (चिरौंजी) लेकर आयी हूं। बड़े किलेपाल की स्वागत सभा में श्रीमती कमला नाग ने मुख्यमंत्री को दोने में बेर और चार भेंट करने और अपने हाथों से खिलाने की इच्छा प्रकट की थी। जिसे स्वयं मुख्यमंत्री ने सम्मानपूर्वक मंच पर बुला लिया और उसके बाद उस महिला ने खुद अपने हाथों से उन्हे खिलाया।

श्रीमती कमला नाग ने मुख्यमंत्री को जब अपने हाथों से बेर और चार खिलाए तो डॉ. सिंह भावुक हो गए और उन्होंने वयोवृद्ध कमला नाग के चरण स्पर्श किए। श्रीमती नाग ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उनके उज्ज्वल और यशस्वी जीवन की कामना की।

इसके पहले भी प्रधानमंत्री मोदी जी के सभा में भी कुछ ऐसा ही हुआ था एक बार नहीं दो-दो बार पहली धमतरी की सभा में बकरी बेचकर शौचलय बनाने वाला वृद्ध महिला को भेट कराया गया उसके बाद जांगला की सभा में चरण पादुका वितरण के दौरान भी एक वृद्ध महिला को ही चुना गया है इससे तो साफ यही नजर आता है कि पूर्व नियोजित कार्यक्रमों में 80 वर्ष की वृद्ध महिला को भी लोग स्वागत की कतार में खड़ कराके रखते है।