55 करोड़ से भी अधिक पौधे रोपे जा चुके है हरियर छत्तीसगढ़ में

हरियर छत्तीसगढ़ महाभियान-2018 वर्ष प्रदेश में साढ़े आठ करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य

हरियर छत्‍तीसगढ़ म‍िशन का क‍ितना पौधा पेड़ बना होग ?

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छत्तीसगढ़ ए। छत्तीसगढ़ सरकार का वन विभाग प्रदेश में हरियर छत्तीसगढ़ अभियान के तहत प्रति वर्ष करोड़ों पौधे लगाने का रिकॉर्ड बनाती है। 2011 से शुरू हुआ हरियर छत्तीसगढ़ एक महा अभियान का रूप ले चुका है और एक सरकारी वेबसाइट के आंकड़ों को देखे तो अब तक 55 करोड़ पौधे छत्तीसगढ़ में अकेले वन विभाग द्वारा रोपा जा चूका है, अन्य विभागों द्वारा वृक्षारोपण भी का कार्यक्रम किया जाता है जो इस आंकडों में शामिल नहीं है। प्रदेश में 2011 से तत्कालीन वन मंत्री विक्रम उसेडी जी के कार्यकाल यानी 2013 तक लगभग 24 करोड़ पौधे लगे। 2014 से वन मंत्री महेश गागड़ा के कार्यकाल में अब तक लगभग 32 करोड़ पौधे वन विभाग द्वारा लगाये है। समाचार सूचना एजेंसी की माने तो यह आंकड़ा और भी बड़ सकता है।


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देखिये हरियर छत्तीसगढ़ पर जनसंपर्क विभाग ने वर्षावार क्या कुछ कहा- 

  • हरियर छत्तीसगढ़ महाभियान-2011: छत्तीसगढ़ को हरा-भरा बनाने लगेंगे 7.16 करोड़ पौधे।
  • हरियर छत्तीसगढ़ महाभियान-2012: छत्तीसगढ़ को हरा-भरा बनाने लगेंगे लगभग सात करोड़ पौधे।
  • हरियर छत्तीसगढ़ अभियान 2013-14 : छत्तीसगढ़ को हरा-भरा बनाने दो साल में 15.60 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य।
  • हरियर छत्तीसगढ़ महा अभियान-2015 : वन विभाग को मिली लक्ष्य से अधिक सफलता : प्रदेश भर में वन विभाग ने अब तक लगाए 8.25 करोड़ पौधे।
  • हरियर छत्तीसगढ़ महा अभियान-2016: इस वर्ष पूरे प्रदेश में 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।   
  • हरियर छत्तीसगढ़ महा अभियान-2017: प्रदेश भर में आज 8.02 करोड़ पौधे लगाने का अभियान शुरू हुआ।


हरियर छत्तीसगढ़ 2018: प्रदेश में इस वर्ष साढ़े आठ करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य

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वर्तमान सत्र में प्रदेश भर में 8 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य  रखा गया है। जिसकी तैयारी में मुख्य सचिव श्री अजय सिंह स्तखर के अधिकारी लगे हुये है। वन विभाग के इस बड़े अधिकारी ने हरियर छत्तीसगढ़ महाअभियान के प्रस्तावित वृक्षारोपण कार्यक्रम के संबंध में वन विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे 15 जून से पहले अपने-अपने विभाग की कार्ययोजना बनाएं। वृक्षारोपण कार्यक्रम के दौरान रोपित किए जाने वाले पौधों में व्यावसायिक किस्म के पौधों के रोपण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने मुनगा, साजा, नीम, माहूल पत्ते जैसे पौधों का रोपण होने से वनवासियों और किसानों को फायदा होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि वन विभाग की नर्सरियों में राज्य की जलवायु के अनुकूल पौधे तैयार किए जाए इसका विशेष ध्यान रखा जाए। भोरमदेव और अचानकमार अभ्यारण को पर्यटकों के अनुकूल बनाएं जाए जिससे राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिले।


खास खबर- आखिर कहां है 55 करोड़ पौधे हरियर छत्तीसगढ़ अभियान 2011 से संचालित हो रहा है। ऐसे में अभी उन पौधों की स्थिती देखे तो सभी बड़े ओकर पेड़ का रूप ले चुके होंगे। लेकिन ऐसी कही से भी यह खबर सुनने को नहीं मिला की सरकार द्वार लगाया हुआ पौधा पेड़ हो चुका है और फल दे रहा है।