आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका आंदोलन आगामी चुनाव को प्रभावित करेगा इसलिये सरकार ने दिखाई नरमी



विगत एक माह से प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी विभिन्न मांगों के लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल किया जा रहा है। अनेक कर्मचारी संघों का भी उनको लगातार समर्थन् मिल रहा है। अब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी उनसे बात करने नहीं पहुंचे साथ सरकार की ओर से भी किसी तरह की सार्थक पहल नहीं होने से संघ ने नाराजगी जाहरि करते हुये आंदोलन को उग्र कर दिया। रैली और सभा के द्वारा सरकार को अपनी मांगों पर विचार करने के लिये बाध्य किया जा रहा है। इस संबंध में विचार विमर्श के लिए राज्य शासन द्वारा गठित समिति की बैठक आयोजित की गई। 


बैठक में बर्खास्त कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को निःशर्त सेवा में बहाल करने और नव नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नियुक्ति रद्द करने की मांग के बारे में उनके प्रतिनिधियों को बताया गया कि इसके लिए वैधानिक अपील का प्रावधान है। बर्खास्त कार्यकर्ता और सहायिकाओं द्वारा अपील की जा सकती है। समिति को बहाली के अधिकार प्राप्त नहीं है। मानदेय वृद्धि की मांग के संबंध में उन्हें बताया गया कि इस बारे में समिति द्वारा शासन को अवगत कराया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने अथवा कलेक्टर दर पर पारिश्रमिक दिये जाने की मांग के संबंध में समिति की ओर से बताया कि यह विषय राष्ट्रीय स्तर के निर्देशों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस पर तत्काल कोई कार्रवाई समिति अथवा शासन के स्तर पर संभव नहीं है। लेकिन इस मांग के बारे में शासन को अवगत कराया जाएगा। राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त होने वाली कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नये वित्तीय वर्ष 2018-19 से क्रमशः 50 हजार रूपए और 25 हजार रूपए की राशि देने का निर्णय लिया है। कार्यकर्ताओं को पर्यवेक्षक के पद पर वरिष्ठता और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर पदोन्नत करने की मांग के संबंध में प्रतिनिधियों को बताया गया कि पर्यवेक्षक का पद राज्य शासन का तृतीय श्रेणी का कार्यपालिक पद है। इसलिए इस पद पर अर्हता के संबंध में निर्णय भर्ती नियम और सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुरूप लिया जाता है।


कार्यकर्ताओें और सहायिकाओं को मृत्यु उपरांत 50 हजार रूपए  की अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग पर उन्हें बताया गया कि इस विषय में महिला एवं बाल विकास संचालनालय द्वारा गणना करने के बाद आवश्यक निर्णय के लिए शासन को जानकारी दी जाएगी। मानदेय वृद्धि के संबंध में समिति ने प्रतिनिधियों को बताया कि इस मांग के बारे में राज्य शासन को अवगत कराया जाएगा। समिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ की दो पदाधिकारियों को शामिल करने की मांग पर उन्हें बताया गया कि इस संबंध में शासन को अवगत कराया जाएगा। वैसे यह विषय उद्भूत नहीं होता, क्योंकि समिति का गठन उनके प्रतिनिधियों से चर्चा के लिए ही किया गया है। समिति ने आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से हड़ताल अविलम्ब समाप्त करने की अपील की गई। इस पर उनके प्रतिनिधियों ने अपनी प्रारंभिक सहमति दी और हड़ताल समाप्त करने के लिए सामूहिक चर्चा करने का आश्वासन दिया।