ऑक्सी रीडिंग जोन नालंदा परिसर में अध्ययन का बेहतर माहौल

24 घंटे पढ़ाई में आधुनिक तकनीक के साथ प्रकृति का मनोहार भी मिलेगा



रायपुर ए। रायपुर के जी.ई रोड पर एन.आई.टी. के पास 5 एकड़ में आॅक्सी रीडिंग जोन का निर्माण किया गया है। जहां अत्यधुनिक सुविधाओं के साथ प्राकृतिक रूप से भी पढ़ाई के बेहतर वतावरण बनाया है ताकि विद्यार्थि निर्बाद रूप से अध्ययन कर सके। नालंदा परिसर के नाम से बने इस रीडिंग जोन का लोकार्पण प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह, सांसद रमेश बैस के साथ ही राजेश मूणत, प्रमोद दूबे तथा देवजी भाई पटेल के करकमलों द्वारा किया गया। यह पूरी कल्पना रायपुर के युवा कलेक्टर ओ.पी. चौधरी का है जिसे जिला खनिज न्यास और स्मार्ट सिटी लिमिटेड की सहायता से तैयार किया गया है। नालंदा परिसर के बनने से प्रतियो​गी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को मदद मिलेगा।

लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर कलेक्टर ओ.पी. चौधरी ने बताया कि राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के युवाओं को संघ और राज्य लोक सेवा आयोग सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयुक्त संसाधन और वातावरण मुहैया कराकर उनके चयन के अवसर बढ़ाने के लिए 6 एकड़ क्षेत्र में करीब 18 करोड़ की लागत से वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से युक्त नालंदा परिसर का निर्माण किया गया है। इसमें जिला खनिज न्यास निधि से 15.21 करोड़ रूपए तथा छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मण्डल से 2.44 करोड़ की राशि प्रदान कर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा यह विकास कार्य संपादित किया गया है। यह 24 घण्टे और सातों दिन संचालित होगा। 
इसमें पढ़ने के लिए इंडोर और आउटडोर रीडिंग की व्यवस्था की गई है। जिसमें एक ही समय पर 1000 लोग अध्ययन कर सकेंगे। यहां लाइब्रेरी के लिए 1.5 करोड़ रूपए की लागत से विभिन्न विषयों की 50 हजार पुस्तकों की खरीदी की गई है। इसी तरह 112 हाइटेक कम्प्यूटर की ई-लाईब्रेरी 100 एमबीपीएस स्पीड की लीजलाईन बनायी गई है ताकि युवा आसानी से ऑनलाईन पढ़ाई कर सकें। पूरे परिसर को फ्री वाई-फाई जोन के रूप में विकसित किया गया है। यहां 24 घण्टें विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। पूरे परिसर में सीसीटीव्ही कैमरे, सुरक्षा गार्ड के साथ ही सदस्यों के प्रवेश के लिए आरएफ आईडी कार्ड की व्यवस्था की गई है।
नालंदा परिसर में आउटडोर अध्ययन के लिए इसके कैम्पस को बायो डायवर्सिटी युक्त गार्डन के रूप में विकसित किया गया है। कैम्पस में 18 गजिबो, परगोलास और केनोपी को इन्टरेटिव जोन के रूप बनाया गया है। आउटडोर रीडिंग के दौरान युवा प्रकृति के सानिध्य में अध्ययन का आनंद उठा सकेंगे। इस परिसर में एक फैसिलिटी प्लाजा भी बनाया गया है यहां अध्ययन करने वालों के लिए स्टेशनरी, बुक स्टॉल, मेडिकल और रेस्टारेंट आदि रहेंगे जो 24 घण्टे संचालित किए जाएंगे। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्यों के लिए इसका मासिक शुल्क 200 रूपए रखा गया है जबकि अन्य सदस्यों के लिए 500 रूपए। 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह ने परिकल्पना को साकार करने वाले कलेक्टर को बधाई देते हुये कहा कि दुनिया के लिये अदभुत है यह परिसर मैं देश के साथ विदेशों के कई संस्थानों का दौरा किया हूं लेकिन मैने ऐसा कही नहीं देखा। वाकई आज पढ़ाई के लिये बेहतर माहौल की जरूरत है। 


मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह- राजधानी रायपुर में नालंदा परिसर के रूप में लोकार्पित ऑक्सी रीडिंग जोन छत्तीसगढ़ में अध्ययन का एक ऐसा सुन्दर केन्द्र है, जिसे देखकर प्राचीन भारत के नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों के वैभव की याद आती है। दुनिया में रायपुर जैसा नालंदा परिसर जैसा अनूठा शैक्षणिक परिसर और ऑक्सी रीडिंग जोन देखने को नही मिलेगा। यहां युवाओं को सर्दी, गर्मी और ठण्ड हर मौसम में प्रकृति के अनुकूल और प्रकृति के सानिध्य में पढ़ने की व्यवस्था की गई है। नालंदा परिसर जैसा कार्य पीढि़यों का निर्माण करता है। यह छत्तीसगढ़ के युवाओं के सुनहरे भविष्य निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा। रायपुर को स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होेंने कहा कि मैंने देश और विदेश में बहुत से विश्वविद्यालय के कैम्पस देखा है परंतु नालंदा परिसर का कैम्पस अपने आप में अदभूत है।  

सांसद श्री रमेश बैस- रायपुर शहर अब देश का एक एजुकेशन हब के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर रहा है। इसमें नालंदा परिसर का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। भूत को देख भविष्य को सवांरने की जरूरत है जिसमें यह नालंदा परिसर मील का पत्थर साबित होगा।

लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत- आज रायपुर बदल रहा है अब यहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए बाहर जाने की जरूरत नही है मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नेतृत्व में यहीं पर ही उन्हें वर्ल्ड क्लास की शिक्षा सुविधाएं मुहैया हो रही है।