छत्तीसगढ़ के चावलों की बड़ रही मांग

छत्तीसगढ़ एरोमेटिक चावल मेले नई ​दिल्ली के छत्तीसगढ़ भवन में 15 से 20 मई तक 



रायपुर.ए। छत्तीसगढ़ को यूं ही नहीं कहा जाता धान का कटोरा कुछ तो बात है इस प्रदेश की खेती में। अब तो यह बात ​दुनियां चुकी है जो बात छत्तीसगढ़ के चावल में है वह और कहीं नहीं। इसका प्रत्यक्ष उदाहण है छत्तीसगढ़ भवन नई दिल्ली में चलने वाले एरोमेंटिक चावल मेला जहां एम्बेसी, नेवी, एयरफोर्स, आर्मी और खेल जगत से जुड़े लोगों ने छत्तीसगढ़ के चावल और हस्तशिल्प-हथकरघा के उत्पादों में खूब दिलचस्पी दिखा रहे है। एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक तीन दिन में ही 400 किलो से अधिक के चावल की हुई बिक्री हो चुकी है ज​बकि यह मेला अभी 20 मई तक चलने वाला है। 

इस दौरान यहाँ आने वाले लोगो ने खरीदारी करने के बाद, भवन की कैंटीन में लजीज व्यंजनों के स्वाद का भी मजा ले रहे है। छत्तीसगढ़ के चावल की डिमांड दिल्ली के अलावा गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा से भी काफी मात्रा में आयी है। लोग इस चावल को पकाने के बाद इसकी एडवांस बुकिंग कर रहे है। एम्बेसी, नेवी, एयरफोर्स, आर्मी और खेल जगत से जुड़े लोगों ने भी छत्तीसगढ़ के चावल और हस्तशिल्प-हथकरघा के उत्पादों में काफी दिलचस्पी दिखाई है।

एजेंसी की ओर बताया गया कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की छात्रा रही नविता ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ के एरोमेटिक चावल पर एक बुक लिखना चाहती है। इस मेले में निर्धारित दिन में यहाँ आकर मनपसंद छत्तीसगढ़ के एरोमेटिक चावल खरीद सकते है। ये चावल ऑर्गैनिक के साथ-साथ सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी है। इस मेले में फ्रेश देसी छत्तीसगढ़ी स्नैक्स और हस्तशिल्प और हथकरघा के विभिन्न आइटम आम लोगों के लिए बिक्री हेतु उपलब्ध है।